प्रश्न 2. स्लेट पर या लाल खड़िया चाक मल दी हो किसी ने इसका आशय स्पष्ट कीजिए। , 3. अपने परिवेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूर्यास्त का शब्द चित्र खींचिए

प्रश्न 2. स्लेट पर या लाल खड़िया चाक मल दी हो किसी ने इसका आशय स्पष्ट कीजिए। उत्तर कवि कहता है कि सुबह के समय अंधेटा होने के कारण आकाश स्लेट के समान लगता है। उस समय सूर्य की लालिमा युक्त किरणों से ऐसा लगता है जैसे किसी ने काली स्लेट पर लाल खड़िया मिट्टी मल दिया हो। कवि आकाश में उभरे लाल-लाल धब्बों के बारे में बताना चाहता है। 3. अपने परिवेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूर्यास्त का शब्द चित्र खींचिए उत्तर: प्रातः कालीन सूर्य उदित हो रहा है जो ऐसा लगता है मानो वह अपने सुनहरे वस्त्रों की रोशनी से आकाश और धरती दोनों को भर देता है। सभी अपने दिन की शुरुआत उस सुनहरी आभा से करते हैं। धीरे-धीरे दिन आगे बढ़ता है सूर्यास्त के समय जैसे हम अपनी पोशाक बदल कर सोने जाते हैं वैसे ही सूर्य हल्की लाल पोशाक पहनकर सोने के लिए तैयार हो जाता है। उसे देखकर सभी अपने दैनिक कार्य समाप्त कर सोने की तैयारी करने लगते है।