अभी भी भीड़ है स्टेशन पर अभी भी एक रेलगाड़ी जाती है जहाँ कोई कर रहा होगा प्रतीक्षा अभी भी कहता है कोई किसी को जल्दी आ जाओ कि अब सूरज डूबने का वक्त हो गया

 अभी भी भीड़ है स्टेशन पर अभी भी एक रेलगाड़ी जाती है

जहाँ कोई कर रहा होगा प्रतीक्षा अभी भी कहता है कोई किसी को जल्दी आ जाओ कि अब सूरज डूबने का वक्त हो गया

भावार्थ


वक्त कितना भी खराब हो जाये लेकिन स्टेशन पर लोगों की भीड़ मिल ही जाती है, क्योंकि उन्हें विश्वास होता है कि कोई न कोई रेलगाड़ी उन्हें अपने मंजिल तक जरूर पहुँचाएगी। उस मंजिल पर जहाँ कोई उनका इंतजार कर रहा होगा। कोई यह आवाज लगा रहा होगा कि जल्दी आ जाओ अब सूरज डूबने का वक्त हो गया है। जब बच्चे बाहर खेल रहे होते हैं तो उनकी माँ सूरज ढलने के वक्त उन्हें आवाज लगाकर जरूर बुलाती है। जब कोई व्यक्ति वाहर किसी काम के लिए निकला होता है तो उसके घरवाले उसका इंतजार जरूर करते है। इस इंतजार में मानव रिश्तों की मजबूत बुनियाद होती है जो किसी भी व्यक्ति को रोज काम पर निकलने और फिर घर लौटने के लिए प्रचुर मनोबल देती है।