लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं।

 14. लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं।


उत्तर:- ऑफिसर के ये उद्गार समाज के इस कदर यथार्थ को प्रस्तुत करते हैं कि देश की सीमाएँ मनों को विभाजित नहीं कर सकती हैं। प्रेम को किसी बंधन में बाँधा नहीं जा सकता। राजनैतिक स्तर पर भले ही हम विस्थापित हो जातें हैं परंतु भावनात्मक लगाव तो अपनी मातृभूमि से वना ही रहता है और हम चाहे जहाँ भी रहें अपनी अन्तिम साँस अपनी मातृभूमि की गोद में ही लेना चाहते हैं।