नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहव्वत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?

 7. नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहव्वत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?


उत्तर:- भले ही राजनीतिक और धार्मिक आधार पर भारत और पाकिस्तान को भौगोलिक रूप से विभाजित कर दिया गया हो लेकिन दोनों देशों के लोगों के हृदय में आज भी पारस्परिक भाईचारा, सौहार्द्र, स्नेह और सहानुभूति की भावना विद्यमान है। अमृतसर में रहने वाली सिख वीवी लाहौर को अपना वतन कहती है और लाहौरी नमक का स्वाद भुला नहीं पाती। पाकिस्तान का कस्टम अधिकारी उनकी भावना का सम्मान करते हुए नमक की पुड़िया सफ़िया को वापस देते हुए कहता है "जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहना।" भारतीय सीमा पर तैनात कस्टम अधिकारी ढाका की जमीन और वहाँ के पानी का स्वाद भूला नहीं पाता। अतः हम कह सकते हैं कि राजनीतिक तौर पर भले ही संबंध तनावपूर्ण हों पर सामाजिक और मानसिक तौर पर आज भी भारत-पाक जनता के बीच मुहव्वत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है।