मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जनता वॅट नहीं जाती है उचित तर्कों व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि करें।

 6. मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जनता वॅट नहीं जाती है उचित तर्कों व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि करें।

उत्तर:- राजनीतिक कारणों से मानचित्र पर लकीर खींचकर देश को दो भागों में बाँटकर ज़मीन और जनता को अलग देश का दर्जा तो प्राप्त हो जाता है परंतु यह अलगाव जनता को भावनात्मक तौर पर अपने वतन से अलग नहीं कर पाता। पाकिस्तानी, भारतीय कस्टम अधिकारी और सिख वीवी क्रमशः देहली, ढाका और लाहौर को आज भी अपना वतन मानते हैं। पुरानी यादें हर समय उन्हें घेरे रहती है। आज भी वे अपने वतन की सामान्य चीजों से वेहद लगाव रखते हैं। इसी वजह से सिख बीबी नमक जैसी साधारण चीज वहाँ से लाने की बात करती हैं इसलिए हम कह सकते हैं कि मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जनता वाँट नहीं सकती है।