सफ़िया की मनःस्थिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफिया की जगह होते/ होतीं तो क्या आपकी मनः स्थिति भी वैसी ही होती? स्पष्ट कीजिए

 2. सफ़िया की मनःस्थिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफिया की जगह होते/ होतीं तो क्या आपकी मनः स्थिति भी वैसी ही होती? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- सफ़िया की और मेरी मनःस्थिति में खास अंतर न होता, मैं सीधे तौर पर अपनी भावनाएँ व्यक्त कर देता और सफ़िया की तरह ही मैं भी अपनी माँ के लिए लाहौरी नमक लाने का हरसंभव प्रयास करता तथा दूसरों की इच्छा का सम्मान करता।