आदर्श विद्यार्थी


(ख) विद्यार्थी-संबंधी


16. आदर्श विद्यार्थी


विचार-बिंदु • अर्थ विद्यार्थी के गुण लगन और परिश्रम सादा जीवन, उच्च विचार श्रद्धावान एवं विनयी


• अनुशासनप्रिय स्वस्थ तथा बहुमुखी प्रतिभावान


अर्थ-'विद्यार्थी' का अर्थ है-'विद्या प्राप्त करने वाला।' किसी भी प्रकार की विद्या या कला या शास्त्र सीखने में लगा हुआ व्यक्ति विद्यार्थी है।


विद्यार्थी के गुण-विद्यार्थी का पहला और सबसे आवश्यक गुण है- जिज्ञासा। जिसे कुछ जानने की इच्छा ही न हो, उसे कुछ भी पढ़ाना व्यर्थ होता है जिज्ञासा-शून्य छात्र उस औंधे घड़े के समान होता है जो बरसते जल में भी खाली रहता है। लगन और परिश्रम विद्यार्थी का दूसरा महत्त्वपूर्ण गुण है-परिश्रमी होना। परिश्रम के बल पर मंदबुद्धि छात्र भी अच्छे-अच्छे


बुद्धिमान छात्रों को पछाड़ देते हैं। इसलिए छात्र को परिश्रमी अवश्य होना चाहिए। जो परिश्रम की बजाय सुख-सुविधा, आराम बिलास में रुचि लेता है, वह दुर्भागा कभी सफल नहीं हो सकता। सादा जीवन, उच्च विचार-विद्यार्थी के लिए आवश्यक है कि वह आधुनिक फैशनपरस्ती, फिल्मी दुनिया या अन्य रंगीन


और


आकर्षणों से बचे। विद्यार्थी को ऐसे मित्रों के साथ संगति करनी चाहिए, जो उसी के समान शिक्षा का उच्च लक्ष्य लेकर चले हों। श्रद्धावान एवं विनयी- संस्कृत की एक सूक्ति का अर्थ है- श्रद्धावान को ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिस छात्र के चित्त में अपने ज्ञानी होने का घमंड भरा रहता है, वह कभी गुरुओं की बात नहीं सुनता। जो छात्र अपने अध्यापकों तथा अपने से बुद्धिमान छात्रों का सम्मान नहीं करता, वह कभी फल-फूल नहीं सकता।


अनुशासनप्रिय छात्र के लिए अनुशासनप्रिय होना आवश्यक है। अनुशासन के बल पर ही छात्र अपने व्यस्त सदुपयोग कर सकता है। मनचाही गति से चलने वाले छात्र अपना समय इधर-उधर व्यर्थ करते हैं, जबकि अनुशासित छात्र समय पर पढ़ने के साथ-साथ हँस खेल भी लेते हैं।


स्वस्थ तथा बहुमुखी प्रतिभावान - आदर्श छात्र पढ़ाई के साथ-साथ खेल-व्यायाम और अन्य गतिविधियों में भी बराबर रुचि है। खेलों से उसका शरीर स्वस्थ बना रहता है। अन्य गतिविधियों-भाषण, नृत्य, संगीत, कविता-पाठ, एन.सी.सी. आदि में भाग लेने से उसका जीवन विकसित होता है।


निबंध लेखन


17. मेरा आदर्श अध्यापक


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विचार-बिंदु मेरे आदर्श अध्यापक • परम स्नेही सहयोगी विषय विशेषज्ञ गंभीर और अनुशासनप्रिय सादगी, और सच्चाई।


[CBSE 2000]


मेरे आदर्श अध्यापक बचपन से अब तक में अनेक अध्यापकों के संपर्क में आया हूँ। प्रायः सभी ने मुझे प्रभावित किया


अपने आदर्श अध्यापक की खोज करने निकलता हैं तो मझे श्री बिजरों जैन का स्मरण हो आता है।